अब कोई भी संस्थान यदि किसी कर्मचारी को न्यूनतम 3 महीने के लिए भी नियुक्त करता है तो भी उसे कर्मचारी को पीएफ, बोनस और गेच्युटी देना होगा। हालांकि कर्मचारी को सेवामुक्त करने का अधिकार संस्थान के ही पास रहेगा।
- नए बदलावों के बाद अब फिक्स्ड टर्म के लिए रोजगार संबंधी एक नए कानून का निर्माण होगा। इसके अनुसार कोई भी कंपनी तीन से पांच माह की अवधि के लिए कर्मचारी को काम पर रख सकती है।
जिन कर्मचारियों को कंपनी Fixed term के लिए रखेगी, उसे दी जाने वाली सुविधाएं किसी स्थायी कर्मचारी के समान ही होंगी। वर्तमान में Fixed term में कर्मचारी को अनुबंध पर रखा जाता है।
- यदि किसी कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 100 से अधिक हो जाती है या कंपनी अपना काम बंद करना चाहती है तो उसे ऐसे में सरकार से स्वीकृति लेना होगी। कर्मचारियों की संख्या को लेकर सरकार ने पहले ही नोटिफिकेशन जारी किया था। वर्तमान कानून के अनुसार कर्मचारियों की संख्या में सरकार बदलाव नहीं कर सकती।
इन बदले जाने वाले नियमों को लेकर श्रमिक यूनियन लामबंद हो गए हैं। इन्होंने इसके खिलाफ हड़ताल करना तय किया है। इसके चलते विरोध स्वरूप आगामी 8 जनवरी को हड़ताल प्रस्तावित है। असल में, लेबर यूनियन को यह डर है कि स्थायी कर्मचारी Fixed term में बदल सकते हैं।
- नए नियमों का कई कंपनियों ने स्वागत किया है। उद्योगों के अनुसार जो नए प्रावधान हैं, उनसे रोजगार के नए अवसर सामने आएंगे। कंपनी के पास यह अधिकार रहेगा कि वह अनुबंधकर्ता की बजाय स्वयं ही किसी कर्मचारी को रख सके।
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